मंगलवार, 17 मार्च 2015

नगाड़ा ह नगाड़ा ल कहिथे, सुन तो एकठन बात
हमन दुनो ल गदा- गद काबर ठोकत हे आज
जेन ल देख तेन नशा म ठोक-ठाक के जावत हे
बुधारू समारू नाचत गावत कनिहा ल हलावत हे
होली ल नशा तिहार बनाके रीत ल भुलावत हे 
जम्मो पारा परोसी भांग गोली म मतावत हे
इसने करके एमन होली तिहार कइसे मनावत हे ?
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मिलन कांत


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