शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

mahatma ganghi....milan malariha art


जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया, कविता अउ पेंसिल आर्ट ले श्रद्धांजलि - मिलन मलरिहा ।।। lakshman masturiya ......milan malariha art


*जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया*
#_प्रथम_पुण्यतिथि _ सादर नमन

तूमा नार बखरी मा रोवत, पाके चार होगे करिया जी ।
गोहरावत छंईहा भुंईया, तै कहाँ गये मस्तुरिया जी ।

परें डरें अऊ गिरे हपटे मनखे ब ढेखरा कोन गड़ाही।
सुमित के सरग निसैनी गढ़के सबला ला कोन रेंगाही।
कोन बताही अरपा-पैरी, गंगा ले सुग्घर फरिया जी.......

परबुधिया  टेड़गा  मनखे ला, कोन फटकार लगाही
छँईहा भुंईया छोड़ जवईया के फेर कोन चेत जगाही
छत्तीसगढ़िया झिन जाबे, खेत ल छोड़के परिया जी......

डोंगरी मँ मऊँहा छाय रहय जब आवय मांघ फागुनवा
खेत-खार जंगल सब झुमरय, मन हिलोर डारै किसनवां
बिन सुर धार कइसे पलही , सुख्खा होगे तरिया जी........

मिलन मलरिहा
मल्हार ,मस्तुरी बिलासपुर छग

शुक्रवार, 4 जनवरी 2019

गाड़ा रवन ले राजमार्ग- छत्तीसगढ़ी लेख

बीस बछर पहली, जेन गाड़ा रवन रहीस, तेन हर आज डामर के पक्की रोड बनगे, गाड़ा-बईला रेंगय तेमा आज भर्रौहन मोटर-गाड़ी दऊड़त हे, ए पार ले, ओ पार जाय मँ कई अपन जीव गवां देथे, पहली गाड़ा के आघू कोनो लईका खेतल खालत आ जावय त बईला अपने आप रुक जावत रहीस..जेन अब कम दिखथे।
गाड़ा-रवन ल राजमार्ग बने के बधाई  देहेबर गैंव त ओहा मोटर-गाड़ी के हाॅव-भाव-काॅव, सोर-सराका मं मोर आरो ल नई सुन पाइस लगथे..गलती मोर रहीस की मैं थोकिन कमजोरहा आरों दे पारेव l
मैं घर लहुटतेच रहें कि आरों आगे  "thanks milan".. मोला अचंभव लागीस कि जय-जोहार (पैलगी) करईया ह आज thanks कथे.. बने चेत धरके सुनेव त गाड़ा-रवन कहत रहीस -"मैं अब वो रवन नई रहिगेव, मैं राजमार्ग हवं राजमार्ग धोतीछाप पैदल मनखे के रेंगे खातिर सरकार ह मोला नई बनाय हे बलकि मोला, गाड़ी-मोटर, टरक-डंफर के दऊड़ेबर बनाय हे Please go from side to side....
//// मिलन मलरिहा///// मल्हार बिलासपुर