गुरुवार, 19 नवंबर 2015

****आतंकवाद****

    ****आतंकवाद****
     ** ((दोहा))**
------------------------------
नकसली के बड़ेददा,  हवे आतंकवाद।
देसपरदेस ल जाके,  करदेथे बरबाद।।

आतंकवाद  पूजेरि, दाउद हवय फरार।
छोटा राजन आए अभि, पुलीस के दूवार।।

पाकिसतान पोसत हे, भारत झेलय मार।
नकसली  बनदुक बाटे,  करय ग अतियाचार।।

छत्तीसगढ़ महतारी ल, घेरे नकसलवाद।
नकसली करे काटमार, सिखत आतंकवाद।।

बीजापुर के कनिहा म, मचाथे ग उतपात।
कोनटा अउ कानकेर, रोवय नवाए माथ।।

अगोरा रहिच दाई ल,  सहीद होगे लाल ।
देस-माई बर परान,  देहीस बीन-काल ।।

कोख ह उजरगे दाई, घर सून्ना होगे ग।
आखी ह अब सूखागे, आसु सबो ढरगे ग।।

खून छलकत माटि म, जानेकब रुकही ग।
महतारी बर बली अब, कतेक लाल दिही ग।।

आतंकवाद जरि बिछे, भारत माटि म आए।
राकछस इहि नवा जूग, कोन संहार कराए।।
--------;;---------------;;---------
मिलन मलरिहा 
मल्हार बिलासपुर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें