****आतंकवाद****
** ((दोहा))**
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नकसली के बड़ेददा, हवे आतंकवाद।
देसपरदेस ल जाके, करदेथे बरबाद।।
आतंकवाद पूजेरि, दाउद हवय फरार।
छोटा राजन आए अभि, पुलीस के दूवार।।
पाकिसतान पोसत हे, भारत झेलय मार।
नकसली बनदुक बाटे, करय ग अतियाचार।।
छत्तीसगढ़ महतारी ल, घेरे नकसलवाद।
नकसली करे काटमार, सिखत आतंकवाद।।
बीजापुर के कनिहा म, मचाथे ग उतपात।
कोनटा अउ कानकेर, रोवय नवाए माथ।।
अगोरा रहिच दाई ल, सहीद होगे लाल ।
देस-माई बर परान, देहीस बीन-काल ।।
कोख ह उजरगे दाई, घर सून्ना होगे ग।
आखी ह अब सूखागे, आसु सबो ढरगे ग।।
खून छलकत माटि म, जानेकब रुकही ग।
महतारी बर बली अब, कतेक लाल दिही ग।।
आतंकवाद जरि बिछे, भारत माटि म आए।
राकछस इहि नवा जूग, कोन संहार कराए।।
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मिलन मलरिहा
मल्हार बिलासपुर
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