दिया बरत हे जगमक जगमक
फूटहा हे कोठी टूटहा हे दुवारी
लईका रोए छुरछुरी ला कहीके
महगाई म गरीब बर का देवारी
धनतेरस म खीर मिठाई घरघर
सूख्खा रोटी नई हावय हमरबर
बम फटाखा कहा पाबो संगवारी
महगाई म गरीब बर का देवारी
लछमी ल लछमीवाला ह बिसाथे
मातरानी सोन के कलस म आथे
माटी कलस म तेल अटागे भारी
महगाई म गरीब बर का देवारी
सुरकदीस मिरचा बुझागे बम
अनारदाना नईहे टीकली हे कम
खाए बर तेल नईए बड़ दूखभारी
महगाई म गरीब बर का देवारी
भात कम पेज हवय ग अड़बड़
पताल थोरहा मिरचा के कलबल
दिया भूतागे अब कहाके फुलवारी
महगाई म गरीब बर का देवारी
सबो घर दमकत हे अंगना बारी
लिपाय पोताय कहरय जी छुहारी
धान लुवाएबर बाचे नईहे बनिहारी
महगाई म गरीब बर का देवारी ।
मिलन मलरिहा
मल्हार बिलासपुर
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