बुधवार, 19 अगस्त 2015

कलाम जइसे बन जाबे ग



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जनम ल पाके जग म मनखे
कोन रद्दा ल धरबे ग
कोन जानही का तय बनबे
का करबे का जपबे ग
अपन करइया सबोझन होथे
दूसर ल मलहम लगाबे ग
देशसेवा म तन-मन बिछोके
कलाम जइसे बन जाबे ग
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ए जीनगी जुग हे ठग्गू जग्गू
चकाचक म झिन भुलाबे ग
रुपीया पइसा सकेल के तय
कतेक का ले डारबे ग
आनीबानी पहिरके सवांगा
कोन ल कतेक देखाबे ग
छोड़ के तय देखावा ल संगी
कलाम जइसे बन जाबे ग
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बन जाबे कभु तय नेता
कुरसी झन जमाबे ग
माटी कोईला बेच के तैहा
संदूक झिन भरलेबे ग
गरीब ल लड़हार के कभु
अचरा ल झन झपटबे ग
मनखे मनखे के दरद हरैया
कलाम जइसे बन जाबे ग



मिलन मलरिहा

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