रविवार, 2 अगस्त 2015

पुसतक ले पियार कर


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उठ जाग भीनसारे
पुसतक खोल तय प्यारे
कागज कलम ले पियार कर
गियान ल खोज टमर धर
माथा म लेके बीचारकर
बुद्धी दवाई नोहे संगी
जेला कोइ बरदान देही
बने चेत जगा धियानकर
मटरगस्ती ल छोडके बाबू
पुसतक ले पियार कर
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बने पढबे बने जघा ल पाबे
बेरा ह निकलत हे संगी
पानी बोहावत हे सकेलडर
सनसार म मिलही उचकइया
अपनरद्दा म कलेचुप आएकर
चकाचउन्ध हे पारा मोहल्ला
फोनवा ल झीनधर
सिटबाजी ल छोड तय
पुसतक ले पियार कर
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हमर हिजगा झीनकर
हमन रोज वाट्सेप चलाबो
फेसबुक ल धरे रहिबो
हमर समय निकल गे
अपनखुद बर रद्दा गढ़
भाईजान बाहुबली ल छोड़
टीबी सिनेमा ल बाद म 
धरबे आउ रपोटबे
तोर बेलेनटोइन अभी पाछु कर
एतिओती ल छोड़के
पुसतक ले पियार कर
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मिलन मलरिहा

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