बुधवार, 2 सितंबर 2015

'' पढाई ले मन जोड़ ले "

एती तेती ल छोड़के पढाई ले मन जोड़ ले 
बेरा खसलत हे गियान ल धर सकेल ले 
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दिन अड़बह हे गिंजरे के एला फेर नईपाबे
अघुवाजाही संगी-साथी तय पाछु रइजाबे
संगी-जहुरिया ल देखके ओदिन बड़ पछताबे 
नई बिगड़े हे काही सियनहा के भाखा मान ले.....
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मोबाईल ल पटकदे टीबीसीडी के तार झटक दे
लफँगा संग झिन घुमफिर सीटबाजी ल छोड़ दे 
बहलइया हे पारा बस्ती गून अड़बड़ हे जान रे
तोर हाथ खुद करम लिखके जीनगी ल सवार ले....
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बने चेत धरके पढ़लिख हमरो मान सवार तय
गरीब किसनहा के तै लईका बने रद्दा गढ़ तय
गियान के बानी करु हे बेटा गुरतुरबानी टारदे
चाउर तरी खुसरे हे गोटी बने पछीन निमार ले....
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पहली दूखके रद्दा रेंगबे त पाछु सुख ल पाबे रे
बीन मेहनत ए दूनिया म कोनो कुछू नई पाय रे
हमर बेरा ह झरगे बेटा तोरबर काही नइ जोरेन
पढ़ाई लिखाई पुन्जी होथे इही ल बने जोहार ले...
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एती तेती ल छोड़के पढाई ले मन जोड़ ले 
बेरा खसलत हे गियान ल धर सकेल ले ।।
मिलन मलरिहा
नगर पंचायत मल्हार 
बिलासपुर छ.ग.

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