सोमवार, 27 जुलाई 2015

**कहाँ चले भईया**

**कहाँ चले भईया**


बइला भइसा चरइया खुमरी पागा के बंधइया
ए जवइया तय गांव छोड़के कहा चले भईया

दुःख पीरा के संगी, अपन गांव के करीयामाटी
एला छोड़ तय नई पावच कोनो महेल अटारी 
अपन गाँव म जीबो मरबो बर छईहा म बइठबो
जुरमीर जम्मो सकलाके किस्सा कहानी सुनबो
तय तरिया के नहइया गुल्ली डंडा के खेलइया
नांगर जोतइया आमा चटनी बसी के खवइया
ए जवइया ...........................................

अगोरा म जम्मो संगी साथी रोज नाव लेही
तोर सुध म गरुवा बछरु के आसू ढर जाही
गाँव  के चिराई चुरगुन तको तोला गोहराही
बहरा खार के माटी रइह रइह तोला बलाही
बरदी के सकलइया बास बसरी के बजइया
तय धोती के पहनइया घीवतेल के चुपरइया
ए जवइया ..............................................

करपा बीड़ा सकलइया अउ डोरी के बनइया
गाड़ा भइसा फंदइया तय बेलन के मिसइया
ठुठी बीड़ी के पियइया डोकरा संग बइठइया
अपन गाँवके भाखा पीपरचौरा कहुं नइ पावच
हासी ठीठोली करके डोकरीमन ल चुलकावच
बीही बर बमरी छाव जीनगी के डोंगा पेलइया
ए जवइया ..............................................

जिहा जाबे लहुट आइबे अपन गांव हे बढ़िया 
चारदिनिया सुहाही तोला सहर चकोरी भुइया 
गरमी धुर्रा नाली मच्छर रहिथे घोलहा पताल
सुग्घर चमके दिकथे उहा जम्मो के घर दुवार 
बाहीर ले सरग तरी ले नरक बीमारी हे अपार 
तय मेड़ के चलइया आउ खेत-खार के रेंगइया 
ए जवइया ................................................
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मिलन मलरिहा
छत्तीसगढीहा

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