शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

बाल गीत// -कोयली आजा

बाल गीत//
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कोयली आजा, गीत सुनाजा
बसंत आगे अब तो आजा
सुनतो मैना कहाँ तै जाबे
मोर आरो ल ओला सुनाबे
भेंट डारबे त कहिबे ओला
सुन्ना लागे तोर बीन मोला
तोर सहेली, पड़की अकेल्ला
पाके बेंदरा, मार डकेल्ला
लऊहा आजा, बसंत रानी
झीनकर तैहा अब मनमानी
तोर तान बीन सब मुरझाएँ
तही बतादे, काबर रिसाएँ

मिलन मलरिहा
मल्हार
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