शुक्रवार, 29 मई 2015

मोर ददा के बीमा

मुसकिल करदिच जीना
वह रे मोर ददा के बीमा
मरइया मर के चले जाथे
लइका मन बड़ दुःख पाथे
बीमा करइया ल दुःख के
कइसे नई होयव चिनहारी
ओखर मुड़ी भूत सचर गे
पइसा कमीसन के भारी
कतेक काटही चक्क्रर
ए दफ़्तर ले ओ दफ्तर
संसो म जी बेहाल होगे
सुहावत नई हे खाना पीना
मुसकिल करदिच जीना
वह रे मोर ददा के बीमा
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बीमा के पहली तोला सेवा
अउ मेवा घलो ख़वाही
अटको म तय नई माने
तोर परवार ल भुलवारही
आधा पइसा ल पा तो गे
फेर तोला चक्कर लगवाही
लगावत लगावत चक्कर
जिनगी के बेरा अधियाही
चारठन गलती रोज बताही
तोर नाम तोर दाई के नाम
नई जुड़े हावय कहिके एमा
तोर ददा लउहा कइसे मरगे
आखरी किस्ती अउ दस्तखत
ल अब कोन करहि एमा
जघा जघा म जा जा के
निकल गे मोर पसीना
मुसकिल करदिच जीना
वह रे मोर ददा के बीमा
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