बगल मा पौवा खोचे, कुकरी ला अरझाये
लेड़ेड़ मेडेड़ रेंगे, कहत वो होली हे...
दरुहा सही हे जन, जमाना मा कछु होए
पइसा पाये वोट दे, कहत वो होली हे...
जनता हे मस्त सबो, भांग वांग लेके सोए
मोदी घर सिंधिया हे, कहत वो होली हे...
जनता ला बेवकूफ, नेतामन बनादिस
बहुमत तोड़ नाचे, कहत वो होली हे....
मिलन मलरिहा
मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़
गजब सुघ्घर सामयिक रचना बधाई...
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